
ज्ञानसमुदय मग्गेहिं तइदुत्तं नैव पप्पते|
ज्ञान समुद्र में डूबे हुए महापुरुष के सुख का वर्णन करना अशक्य है |

नममि नित्यं निजगुरुं पदाम्बुजम् |
तीन जगत् में ज्ञान से श्रेष्ठ कोई वस्तु नहीं है |

नमो नमो नाणदिवायरस्स |
अज्ञान और मोह रूपी अंधकार का नाश करने वाले ज्ञान रूपी सूर्य को नमन हो |

पढमं नाणं तओ दया |
सम्यग् ज्ञान ही चरित्र का कारण है |

सज्झाय समो नत्थि तवो जिणेहिं |
स्वाध्याय के समान कोई तप नहीं है |

ज्ञानसमुदय मग्गेहिं तइदुत्तं नैव पप्पते|
ज्ञान समुद्र में डूबे हुए महापुरुष के सुख का वर्णन करना अशक्य है |

नममि नित्यं निजगुरुं पदाम्बुजम् |
तीन जगत् में ज्ञान से श्रेष्ठ कोई वस्तु नहीं है |
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